कल्पना चावला का जीवन परिचय

Kalpana Chawla Biography in Hindi : कल्पना चावला एक भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। उन्होंने पहली बार साल 1997 में एक मिशन विशेषज्ञ और प्राथमिक रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में स्पेस शटल कोलंबिया में उड़ान भरी थी।

कल्पना चावला को भारत का गौरव कहा जाता है। कल्पना चावला 372 घंटे अंतरिक्ष में यात्रा करने वाली पहली भारतीय महिला थीं और उन्होनें पृथ्वी के चारों ओर 252 चक्कर पूरे किए थे।

उड़ने का शौक रखने वाली कल्पना चावला बचपन से ही साहसी रही हैं। उन्होंने जुनून और कड़ी मेहनत के दम पर अपने सपनों को हांसिल किया और आज उनके मरने के बाद भी उनका जीवन कई लोगों के लिए प्रेरणा बना है।

Kalpana Chawla Biography in Hindi
Image: Kalpana Chawla Biography in Hindi

अगर आप भी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के बारे में जानना चाहते हो तो, आप बिलकुल सही जगह पर हो। इस आर्टिकल में हम आपके साथ कल्पना चावला का जीवन परिचय (Kalpana Chawla Biography in Hindi), उनका जन्म, उनका परिवार, उनकी शिक्षा, करियर और उनके अचिवमेंट और नेटवर्थ के बारे में आपके साथ विस्तारपुर्वक माहिती प्रदान करेंगे, तो आपसे निवेदन है की इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।

कल्पना चावला का जीवन परिचय | Kalpana Chawla Biography in Hindi

कल्पना चावला की जीवनी एक नजर में (Kalpana Chawla Ki Jivani)

वास्तविक नामकल्पना चावला (Kalpana Chawla)
निक नाम मोंटो 
जन्म17 मार्च 1962
जन्म स्थानकरनाल, उत्तर प्रदेश, भारत
राशिकर्क
धर्महिन्दू
नागरिकताअमेरिकन
माता का नामसंज्योति चावला
पिता का नामश्री बनारसी लाल चावला
बहन का नामसुनीता चावला, दीपा चावला
भाई का नामसंजय चावला
शिक्षाप्राथमिक शिक्षा : टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल

कल्पना चावला का जन्म

कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को करनाल, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। उनका निक नेम मोंटो है। उनकी राशि कर्क है। उनकी राष्ट्रीयता अमेरिकन है और धर्म हिन्दू है। उनका होम टाउन टेक्सास, यू.एस है।

कल्पना चावला का परिवार

कल्पना चावला के पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला और माता का नाम संज्योति चावला था। कल्पना चावला अपने घर में सबसे छोटी थी। कल्पना चावला के तीन भाई-बहन थे, जिनका नाम सुनीता चावला, दीपा चावला, संजय चावला थे।

स्कूल जाने तक उसके माता-पिता उसे मोंटू कहकर बुलाते थे। जब उन्होंने स्कूल में प्रवेश किया, तो चावला ने अपना नाम खुद चुना। ‘कल्पना’ नाम का अर्थ है “विचार” या “कल्पना”। वह अक्सर के.सी. उपनाम से जानी जाती थीं। आज़ादी से पहले कल्पना चावला के माता पिता पश्चिम पंजाब के मुल्तान जिले में रहते थे, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है।

कल्पना चावला की पढाई

कल्पना ने अपनी शुरूआती शिक्षा टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, करनाल से हांसिल की। उसके बाद पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

इसके बाद साल 1982 में उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक किया और अमेरिका चले गए। साल 1984 में, उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय, आर्लिंगटन से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की और 1986 में दूसरी मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की।

उन्होंने साल 1988 में कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विज्ञान स्नातक की डिग्री प्राप्त की। और अंततः 1988 में नासा के “एम्स रिसर्च सेंटर”, ओवरसेट मेथड्स इंक के साथ काम करना शुरू किया।

कल्पना चावला का करियर

साल 1988 में, कल्पना चावला ने नासा एम्स रिसर्च सेंटर को जॉइंट किया, जहां उन्होंने पावर्ड-लिफ्ट कम्प्यूटेशनल फ्लुइड डायनेमिक्स के क्षेत्र में काम शुरू किया। उन्होंने अपनी शोध “ग्राउंड-इफ़ेक्ट” में हैरियर सहित विमान के चारों ओर आने वाले जटिल वायु प्रवाह के अनुकरण पर केंद्रित किया।

कल्पना चावला साल 1993 में ओवरसेट प्रेसिडेंट के साथ उपाध्यक्ष और अनुसंधान वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुईं, जहां उन्होंने शरीर की कई समस्याओं को हल करने में विशेषज्ञता रखने वाले अन्य शोधकर्ताओं के साथ एक टीम बनाई। उनका काम वायुगतिकीय प्रदर्शन करने के लिए कुशल तकनीकों को विकसित करना और लागू करना था।

चावला ने हवाई जहाज, ग्लाइडर और वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस के लिए एकल और बहु-इंजन हवाई जहाज, समुद्री विमान और ग्लाइडर के लिए प्रमाणित उड़ान प्रशिक्षक का अभ्यास किया।

अप्रैल 1991 में अमेरिकी नागरिक बनने के बाद, चावला ने नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर के लिए आवेदन किया। दिसंबर 1994 में उनका चयन नासा द्वारा किया गया।

नासा में कल्पना चावला का अनुभव 

कल्पना चावला साल 1995 में जॉनसन स्पेस सेंटर में एक एस्ट्रोनॉट प्रतिभागी के तौर पर एस्ट्रोनॉट के 15वें ग्रुप में जॉइन किया और 1996 में अपनी पहली उड़ान के लिए चुनी गईं।

उनका पहला अंतरिक्ष मिशन 19 नवंबर, 1997 को छह-अंतरिक्ष यात्री दल के साथ शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने अंतरिक्ष शटल कोलंबिया उड़ान एसटीएस-87 उड़ाया था। चावला अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय महिला थीं।

अपने पहले मिशन पर, चावला ने पृथ्वी की 252 कक्षाओं में 10.4 मिलियन मील (16737177.6 किमी) की यात्रा की, इसके लिए अंतरिक्ष में उन्होंने 372 घंटे (15 दिन और 12 घंटे) का समय बिताया।

एसटीएस-87 के दौरान, वह स्पार्टन उपग्रह को तैनात करने के लिए जिम्मेदार थी, जिसे उपग्रह पर कब्जा करने के लिए विंस्टन स्कॉट और ताकाओ दोई द्वारा स्पेसवॉक की आवश्यकता थी।

एसटीएस-87 की उड़ान के बाद की गतिविधियों के पूरा होने के बाद, चावला को अंतरिक्ष स्टेशन पर काम करने के लिए अंतरिक्ष यात्री कार्यालय में तकनीकी पदों पर नियुक्त किया गया था।

2001 में, कल्पना चावला को एसटीएस-107 के चालक दल के हिस्से के रूप में उनकी दूसरी उड़ान के लिए चुना गया था। जुलाई 2002 में शटल इंजन फ्लो लाइनर में दरार की खोज जैसी शेड्यूलिंग उलझनों और तकनीकी समस्याओं के कारण मिशन में बार-बार देरी हुई।

16 जनवरी, 2003 को, चावला अंततः अंतरिक्ष में एसटीएस-107 मिशन पर अंतरिक्ष शटल कोलंबिया लौट आए। चालक दल ने पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान, उन्नत प्रौद्योगिकी विकास और अंतरिक्ष यात्री स्वास्थ्य और सुरक्षा का अध्ययन करते हुए लगभग 80 प्रयोग किए।

कोलंबिया के 28वें मिशन एसटीएस-107 के प्रक्षेपण के दौरान, फोक इन्सुलेशन का एक टुकड़ा अंतरिक्ष शटल के बाहरी टैंक से अलग हो गया और ऑर्बिटर के बाएं पंख पर गिर गया।

कल्पना चावला की शादी

अमेरिका में पढाई के दौरान कल्पना जीन-पियरे हैरिसन के संपर्क में आई। जीन-पियरे हैरिसन एक उड़ान प्रशिक्षक (flying instructor ) और विमानन लेखक (aviation author) थे। आखिर में कल्पना ने साल 1983 में जीन-पियरे हैरिसन से शादी की। शादी करने के बाद कल्पना को  यूएस की नागरिकता मिल गयी।

कल्पना चावला का निधन

1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष शटल कोलंबिया के नष्ट हो जाने से कल्पना चावला की जान चली गई। पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते समय, अंतरिक्ष यान टूट गया और उसमें सवार सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गई। उनकी चालीस वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी 

कल्पना चावला के जीवन से जुडी कुछ रोचक बातें

  • जब कल्पना चावला महज 13 साल की थी, तब से उन्हें उड़ान सीखने की इच्छा व्यक्त की थी।
  • बचपन से कल्पना टॉम बॉय जैसी लड़की रही है। उनका बचपन बार्बी डॉल को सजने-संवरने से ज्यादा हवाई जहाजों की स्केचिंग और पेंटिंग करने में बीता है।
  • कल्पना चावला को फ्लाइंग, ट्रेकिंग, बैकपैकिंग और पढ़ना काफी पसंद था।
  • कल्पना चावला अंतरिक्ष में यात्रा करने के सपने संजोया करती थी लेकिन उनके पिता चाहते थे कि कल्पना टीचर बने।

FAQ

कल्पना चावला के कितने बच्चे थे?

कल्पना चावला की कोई भी संतान नहीं है।

कल्पना चावला के पति का नाम क्या है?

कल्पना चावला के पति का नाम जीन-पियरे हैरिसन है, जो एक उड़ान प्रशिक्षक और एक विमानन लेखक है।

कल्पना चावला कितनी बार अंतरिक्ष में गई थी?

अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना चावला ने दो बार अंतरिक्ष में उड़ान भरी। वह 1997 में स्पेस शटल कोलंबिया (STS-87) और 2003 में स्पेस शटल कोलंबिया (STS-107) में एक मिशन विशेषज्ञ थीं।

निष्कर्ष

कल्पना चावला का जीवन और पेशा उन महिलाओं के लिए एक उदाहरण है, जो अंतरिक्ष में जाना चाहती है। कल्पना की मृत्यु के बाद आज भी उनकी विरासत जीवित है।

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने पूरी कोशिश की है की आपको कल्पना चावला का जीवन परिचय ( Kalpana Chawla Biography in Hindi) के बारे में पूरी माहिति प्रदान हो।

फिर भी अगर इसके जुडी कोई भी माहिती आपके पास हो तो आप उसे कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं। हम इसे जल्द से जल्द अपडेट करने की कोशिश करेंगे।आर्टिकल पसंद आये तो उसे सोशल मीडिया पर लाइक और शेयर जरुर करें।

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